दहिया राजपूत वंश की एक शाखा हैं, यह शाखा तीन वंश में सम्मिलित हुई है, 1 सूर्यवंश , 2 ऋषिवंश तथा 3 चन्द्रवंश । लेकिन मूलरूप से दहिया वंश ऋषिवंश के अंतर्गत आता है, समय परिवर्तन के साथ रियासतों का विलय होने के कारण इनका पुश्तेनी कार्य परिवर्तित हो गया एवं इनका पेशा ग्राम रक्षा हो गया। राजस्थान के जालोर जिले में दहिया क्षत्रियो के 64 गांव है जिन्हे वर्तमान में दहियावटी के नाम से भी जाना जाता है। राजपूतो के इतिहास पर नजर दोङाई जाए तो राजपुतो के 36 वंशो में दहिया वंश बहुत ही प्रभावशाली वंश रहा है।
दईया राजपूतों के राजस्थान में कौन कौन से गांव हैं।
ReplyDeletepanchala
Deletepanchla sanchore
DeleteRampura sabka , pisangan Ajmer
Deleteदहिया राजपूतो में कितनी खापें है किसी को पता है
DeleteDAHIYA johiya do sakha prachlit Hui thi Jo Chandra vansi mane jaye rahe us samay raw Nam prachlit tha yah purwajo ke dwara batane par gyat hota raha kuch johiya DAHIYA hi apne ko mante hai Jo Chandra vansi hai Jo Dahayat ya DAHIYAvat likhte hai our DAHIYA bhi likhate hai es bans me Chandra vans our suryavans dono PAYE jate hai DAHIYA me Chandra chandan ki poja hoti hai.kotwal /kotwar chaokidar Adi ki naokari jiwan yapan ke liye kiya. britis shasan ke anusar Rajput hone ke Nate ek ghoda talwar banduk di jati rahi ye raja ke dwara pradan ki jati thi our jageer bhi pradan raja karte Tai.yah britis sasan ke adhin hokar karna pada marte kya Na karte. raja rajpot yodhao ko ye kam saopa jab se yah naokri jat bankar rah gayi.es vans ko kitni musibte jhelni padi rajao ka Raj gaya our es vans ka apman Hana suru ho gaya aaj bhi log Purana badala le rahe hai es jati ko SC obc bargo me bhi bata jata hai.jisne logo ki raksha ki use kutta samjha logo NE.kabhi set ko bhi paltu Vanna padata hai yahi samjh kar rahate hai ye log,esi liye rakshak ko Kshatriya kahate hai log. RAM ram
ReplyDeleteDhayanwad
DeleteDAHIYA johiya do sakha prachlit Hui thi Jo Chandra vansi mane jaye rahe us samay raw Nam prachlit tha yah purwajo ke dwara batane par gyat hota raha kuch johiya DAHIYA hi apne ko mante hai Jo Chandra vansi hai Jo Dahayat ya DAHIYAvat likhte hai our DAHIYA bhi likhate hai es bans me Chandra vans our suryavans dono PAYE jate hai DAHIYA me Chandra chandan ki poja hoti hai.kotwal /kotwar chaokidar Adi ki naokari jiwan yapan ke liye kiya. britis shasan ke anusar Rajput hone ke Nate ek ghoda talwar banduk di jati rahi ye raja ke dwara pradan ki jati thi our jageer bhi pradan raja karte Tai.yah britis sasan ke adhin hokar karna pada marte kya Na karte. raja rajpot yodhao ko ye kam saopa jab se yah naokri jat bankar rah gayi.es vans ko kitni musibte jhelni padi rajao ka Raj gaya our es vans ka apman Hana suru ho gaya aaj bhi log Purana badala le rahe hai es jati ko SC obc bargo me bhi bata jata hai.jisne logo ki raksha ki use kutta samjha logo NE.kabhi set ko bhi paltu Vanna padata hai yahi samjh kar rahate hai ye log,esi liye rakshak ko Kshatriya kahate hai log. RAM ram
ReplyDeleteDAHIYA (m.p)me khangar se alag hai ye khagar nahi hai.ya to chandelo ke sath aaye hai ya bheje Gaye sardar ke top me m.p me aaye hai.
ReplyDeleteM.p ke DAHIYA sar khagro me nahi hai.ye log chandelo ke sath aaye huye hai ya phir britis sasan NE raja sab ko majbur kiya hoga enhe kotwal ya gram raksha karne ke liye
ReplyDeleteदहिया खंगारो के साथ बुदंलखण्ड युद्ध मे खेत सिंह खंगार के साथ मारवाड जोधपुर रियासतो से आये थे और खंगार सत्ता स्थापित करवाइ तारा गढ रियासत प्रथ्वीराज चौहान ने जीत की खुशी मे प्रदान किया था ये दाहिया रठौर दहायत नाम से जाने जाते है। और नागौद रियासत मे परिहारो की सत्ता स्थापित करवाने आये हुये दहिया दाहिया नाम से जाने जाते है। इनके साथ छल हुआ कोइ राज नही दिया गया परिहारो के द्बार एक रियासत मे परिहार एक रियासत मे दहिया रठौर स्थापित होने थे मगर येसा नही हुआ मैहर.नागौद दोनो मे परिहार राजपूतो ने अपना कब्जा कर लिया नागवंशीयो से युद्ध हुआ नागवंशीयो की हार हुइ परिहार और दहिया रठौरो की जीत।किसी तरह का दोश लगाकर दहिया सरदारो को राज्य से निस्कासित कर दिया गया । ताकी राज्य का बटवारा न हो वाद मे कोतवाली का कार्य सौपा गया परिहारो के द्धारा उसी मे खुस होकर अपना जीवन यापन दाहिया राजपूतो ने किया और राज्य के बिस्तार मे सहयोग दिया । आज गरीब दयनीय स्थति है दाहियो राजपूतो की ग्राम कोटवार चौकीदार पदो मे कुछ लोग नियुक्त है जो आज भी कर रहे है वीर क्षत्री श्रेष्ट क्षत्री भी इस स्थिती मे अब जीवन यापन कर रहे है। गरीबी के कारण ओ.बी.सी. कैटेगरी मे आते है।
ReplyDeleteकिस बुक मे लिखा है दहिया रठौर ही दहायत है लेखक कौन है एमपी कब आऐ इसका प्रमाण
DeleteLodu kuch b
Deleteman me aa rha hai vo likh rha pta kuch hai nhi
Deletedahiya rajvansh dadhichi richi ka vansh hai risivanshi hai
मेरा नाम सुजान सिंह राठौड़ है मैं एमपी में मंदसौर जिले का निवासी हूं मेरे पूर्वज राजस्थान के जालौर से पधारे हैं और हमारी गोत्र दहिया है हम राठौड़ वंश के हैं राठौड़ वंश भी एक ऋषि की रीढ़ की हड्डी से उत्पन्न माना गया है और दहिया वंश राठौड़ वंश की उत्पत्ति है दोनों वंश ऋषि की उत्पत्ति है।
Deleteहुकुम कुछ इतिहास प्रमाण है आपके पास मुझे दीजिए चाहिए
Deleteदहिया रठौर खंगार सत्ता स्थापित करवाने आये हुये थे खंगारो ने समस्त बुन्देलखंड जीता प्रथ्वीराज चौहान जीत की खुशी मे तारागढ रियासत का राज्य सौपा राव कैलाश सिंह बहा के राजा हुए। नागौद मे परिहार सत्ता स्थापित करवाने आये दहिया राठौर मारवाड रियासत से आये हुए थे मगर परिहार अपनी सर्त नागवंशियो एवं भाटियो से जीत के बाद भूल गये मैहर.नागौद दोनो रियासते हाथिया लिये और कोतवाली का कार्य भार दाहिया रठौरो को सौपा। उसी मे खुश होकर अपना जीवन यापन किया युद्ध परागड क्षत्रिय श्रेष्ट क्षत्री आज गरीबी झेल रहे है ग्राम चौकीदार कोटबारी का कार्य कुछ लोग आज भी कर रहे है और जीवन यापन कर रहे है। कहि कही ओ.बी.सी. कही एस.सी.मे आते है।
ReplyDeleteमध्यप्रदेश में जो दाहिया हैं वो राजस्थान के ही वंशज हैं इसमें कोई दो राय नही है मगर दुख तब होता है जब कुछ चंद लोगों के निजी स्वार्थ हेतु पूरे समाज को लालच में एस सी ओबीसी में धकेल रहे हैं ऐसे लोगों पर जल्द सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ।जय माँ कैवाय जय दाहिया राजपुताना
ReplyDeleteइसका प्रमाण मिलेगा क्या ए राजस्थान से एम पी मे कब आए
Deleteमध्य प्रदेश के जबलपुर जिला मे एक गाँव में एक ही dahiya परिवार रहता है
Deleteइस एरिया के किसी भी गाव मे कोई dahiya
जाति के कोई गाँव या मुहल्ले नही है
इस से सिद्ध होता है कि यहाँ के dahiya अन्य प्रांत से आये हुए हैं
Aapne vans bataye usme agnivansh nahi bataya, or aapne jalor ke pas 64 gaon dahiyavati nahi hai vo Deolavati hai koi samaj ke adhuri jankari nahi rakhe
ReplyDeleteJalor me 64 gav dahiyawati he bhai me jalor ka hi ho
Deleteकुछ लोग दाहिया राठौर राजपूतो से आग से जादा जलते है और कुछ लेखक झूठा लेख दहिया राजपूत के बारे मे लिख कर कि दहिया जगमल राजपूत की बीबी राजा अस्थान के पास आ गई । राजा ने अपने पास रख लिया रानी बना लिया जगमल राजपूत के द्बारा उत्पन्न लडका भी उछरंग दे के साथ था उसका पालन पोषड राठौरो के खेडे मे हुआ।मगर यह गलत है राजकुमारी उछरंग दे का राजा अस्थान के साथ बिधिवत विबाह हुआ था । कोई भी राजपूतानी उस समय दूसरा बिवाह अपने पती के जीबित नही करती थी पती के अचानक मौत होने पर जौहर करती थी। एक राजपूतानी के को बदनाम करना गलत है। इतिहास छिपाने से छिपता नही और जब दुस्मन ने अस्थान को मार डाला दाहिया राठौर नामक अस्थान के पुत्र ने दुस्मन को मौत के घाट उतारा सगा पुत्र था । दाहिया राजा अस्थान का उसी दाहिया राठौर के नाम से दाहिया राठौर नाम की तेरहमी साखा चली ।
ReplyDeleteदाहिया रठौर.. अपने पिता अस्थान राठौर की मौत का बदला लिया दुस्मन को मौत की नीद सुलाया दहिया राजकुमार ने और अपने पिता का राज सिंहासन सम्भाला। तभी से रणबंका कहलाने लगे राठौर और दाहिया राठौर राजवंश का तिलक कहलाया। लेखक पता नही झूठा लेख क्यो लिख देते है चिड की बजह से सच्चाई छिपती नही छिपाने से दाहिया राठौर का जन्म रानी उछरंग दे को दहि बिलोते समय जो पुत्र पैदा हुआ उसका नाम दाहिया
ReplyDeleteराठौर नाम करण हुआ। महल मे दहि बिलोया जा रहा था तभी राजा अस्थान राठौर की पत्नी रानी उछरंग दे को पुत्र रत्न पैदा हुआ उस पुत्र का नाम दाहिया रखा गया। इसी पुत्र के नाम पर राठौरो की तेरहबी साखा दहिया कहलाई। कही कही दोहडिया नाम से भी जाने जाते है ।
राठौरो की एक साखा नही अपितू कई साखा है यह पहले का रास्टकूट राजवंश है। और दाहिया राठौर सूर्य वंशी है और दधीचवंशी है राठौड भी रीड से उत्पन्न माने जाते है। और दाहिया भी महाऋषी दधीच के रीड से उत्पन्न माने जाते है जिसको ईन्द्र ने उस रीड की हड्डी से उत्पन्न मानते है।रीड की हड्डी इन्द्र को दान देने से इन्द्र का छिना राज्य वापस मिला तभी इन्द्र तथा अन्य देवताओ ने महाऋषी को स्वर्ग मे इस्थान देते हुये कहा आपकी सन्तान दधीच के नाम से दाहिया रीड का दान देने से राठौर नाम से संसार मे जानी जायेगी इसलिये दाहिया या रठौड नाम से जानी जाती है। महाऋषी दधीच सूर्यवंशी क्षत्रिय थे तो यह साखा सूर्यवंशी साखा है । कुछ इतिहास कार इन्हे चंद्रवंशी लिखा पर वह गलत इस वंश को सूर्यवंशी महाऋषी दधीच के प्रताप से ऋषीवंशी कहलाये जाते है। और मारवाड के राठौड दहिया वंशी है राव जोधा दहिया राठौड रहे। राव जोधा को राठौरो के संस्थापक कहा जाता है और इस दहिया राठौडो से कई उपशाखाये निकली उस समय यह श्रेष्ट राजवंश रहा । इस राजवंश की अपनी अलग ही पहचान है जो इतिहास के पन्नो मे वेद पुराड आदि मे अपनी पहचान बनाये हुये है।
ReplyDeleteAap jalour se ho kya bhai??
Deleteजय हो दाहिया राजपुताना
ReplyDeleteJai ho Dàhiya Rajputana
Deleteनोट -: नई पीढ़ी के लिए
ReplyDelete'' जो अपने समाज के लोग दहायत लिखते हैं, 'उन सब को सूचित कर रहा हूँ कि वो आने वाली नई पीढ़ी में बदलाव लायें, उनके समस्त दस्तावेजों जैसे -: जन्म प्रमाण पत्र,अंकसूची,आधार कार्ड, वोटर कार्ड ,पैन कार्ड ,और जमीनी दस्तावेज आदि । में चाहे लड़का हो या लड़की बिना भेदभाव के साथ उनके नाम को सही कराएं । और दाहिया कि जगह दहिया,(क्योंकि अंग्रेजी में दहिया की स्पेलिंग में कोई अंतर नहीं है [Dahiya] तो हिंदी में 'दाहिया ' क्योँ ?) और बीच के शब्द ''कुमार / प्रसाद'' कि जगह सिंह लिखे आदि । एक नई एकता का जन्म हो ।
जैसे -: रोहित सिंह दहिया
-: किरण सिंह दहिया आदि ।
"विनय (कुणाल सिंह दहिया)" 9713682999 / 7999585119
अखिल भारतीय दहिया समाज महासंघ मध्यप्रदेश
इसके बजाय तो sir name सिंह ही लागाय तो अच्छा लगेगा
Deleteमैं apse सहमत हैं हुकुम जय कैवाय माता की जय
DeleteMp के दाहिया की क्या कहानी है
Deleteoooo
ReplyDeleteDahiya Gotra Jaat Samaj ka Hain
ReplyDeleteDahiya Jaat Hote Hain Na Ki Rajput
Dahiyawat Rajput Hote Hain
कुछ दहिया राजपूत राजश्री संत शिरोमणि पीपा जी महाराज गढ़ गागरोन के अनुयायी बने थे जो आज पीपवत दहिया राजपूत कहलाते है
ReplyDeleteHar har mahadev 🚩🙏
DeletePipawat Dahiya Rajput ka koi history ya book ho to batana hukam
ऐसे ओर। का भी पाता है आप को मतलब ओर खापें
Deleteक्या आप बता सकते है गुजरात में दाहिया दहायत को क्या बोलते है
ReplyDeleteकिस नाम से जाने जाते हैं
ReplyDeleteFollow Instagram page
ReplyDeletehttps://www.instagram.com/jay_kewai_mata/
Jai kewai mata di sa chanraj dahiya bilara city jodhpur
ReplyDeleteचौदहिया राजपूत कोन है
ReplyDeleteBikash Singh Dàhiya
ReplyDeleteकुछ जगह दईया वंश की कुलदेवी चामुंडा माता बताई जा रही है इसकी कोई जानकारी हो तो बतावे
ReplyDeleteHa batai jati hai lekin abhi tak iski pusti nahi hui hai
Deleteमेवाङ के गुमानपुरा तहसील सहाड़ा जिला भीलवाड़ा मे भी दिया राठौडो के 15-16 घर है जो अजमेर के निकट से आये हुए बताये जाते है।
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