Monday, 20 February 2017

दहिया वंश की जानकारी

दहिया राजपूत वंश की एक शाखा हैं, यह शाखा तीन  वंश में सम्मिलित हुई है, 1 सूर्यवंश , 2 ऋषिवंश तथा 3 चन्द्रवंश । लेकिन मूलरूप से दहिया वंश ऋषिवंश के अंतर्गत आता है, समय परिवर्तन के साथ रियासतों का विलय होने के कारण इनका पुश्तेनी कार्य परिवर्तित हो गया एवं इनका पेशा ग्राम रक्षा हो गया। राजस्थान के जालोर जिले में दहिया क्षत्रियो के 64 गांव है जिन्हे वर्तमान में दहियावटी के नाम से भी जाना जाता है। राजपूतो के इतिहास पर नजर दोङाई जाए तो राजपुतो के 36 वंशो में दहिया वंश बहुत ही प्रभावशाली वंश रहा है।

46 comments:

  1. दईया राजपूतों के राजस्थान में कौन कौन से गांव हैं।

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    1. Rampura sabka , pisangan Ajmer

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    2. दहिया राजपूतो में कितनी खापें है किसी को पता है

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  2. DAHIYA johiya do sakha prachlit Hui thi Jo Chandra vansi mane jaye rahe us samay raw Nam prachlit tha yah purwajo ke dwara batane par gyat hota raha kuch johiya DAHIYA hi apne ko mante hai Jo Chandra vansi hai Jo Dahayat ya DAHIYAvat likhte hai our DAHIYA bhi likhate hai es bans me Chandra vans our suryavans dono PAYE jate hai DAHIYA me Chandra chandan ki poja hoti hai.kotwal /kotwar chaokidar Adi ki naokari jiwan yapan ke liye kiya. britis shasan ke anusar Rajput hone ke Nate ek ghoda talwar banduk di jati rahi ye raja ke dwara pradan ki jati thi our jageer bhi pradan raja karte Tai.yah britis sasan ke adhin hokar karna pada marte kya Na karte. raja rajpot yodhao ko ye kam saopa jab se yah naokri jat bankar rah gayi.es vans ko kitni musibte jhelni padi rajao ka Raj gaya our es vans ka apman Hana suru ho gaya aaj bhi log Purana badala le rahe hai es jati ko SC obc bargo me bhi bata jata hai.jisne logo ki raksha ki use kutta samjha logo NE.kabhi set ko bhi paltu Vanna padata hai yahi samjh kar rahate hai ye log,esi liye rakshak ko Kshatriya kahate hai log. RAM ram

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  3. DAHIYA johiya do sakha prachlit Hui thi Jo Chandra vansi mane jaye rahe us samay raw Nam prachlit tha yah purwajo ke dwara batane par gyat hota raha kuch johiya DAHIYA hi apne ko mante hai Jo Chandra vansi hai Jo Dahayat ya DAHIYAvat likhte hai our DAHIYA bhi likhate hai es bans me Chandra vans our suryavans dono PAYE jate hai DAHIYA me Chandra chandan ki poja hoti hai.kotwal /kotwar chaokidar Adi ki naokari jiwan yapan ke liye kiya. britis shasan ke anusar Rajput hone ke Nate ek ghoda talwar banduk di jati rahi ye raja ke dwara pradan ki jati thi our jageer bhi pradan raja karte Tai.yah britis sasan ke adhin hokar karna pada marte kya Na karte. raja rajpot yodhao ko ye kam saopa jab se yah naokri jat bankar rah gayi.es vans ko kitni musibte jhelni padi rajao ka Raj gaya our es vans ka apman Hana suru ho gaya aaj bhi log Purana badala le rahe hai es jati ko SC obc bargo me bhi bata jata hai.jisne logo ki raksha ki use kutta samjha logo NE.kabhi set ko bhi paltu Vanna padata hai yahi samjh kar rahate hai ye log,esi liye rakshak ko Kshatriya kahate hai log. RAM ram

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  4. DAHIYA (m.p)me khangar se alag hai ye khagar nahi hai.ya to chandelo ke sath aaye hai ya bheje Gaye sardar ke top me m.p me aaye hai.

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  5. M.p ke DAHIYA sar khagro me nahi hai.ye log chandelo ke sath aaye huye hai ya phir britis sasan NE raja sab ko majbur kiya hoga enhe kotwal ya gram raksha karne ke liye

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  6. दहिया खंगारो के साथ बुदंलखण्ड युद्ध मे खेत सिंह खंगार के साथ मारवाड जोधपुर रियासतो से आये थे और खंगार सत्ता स्थापित करवाइ तारा गढ रियासत प्रथ्वीराज चौहान ने जीत की खुशी मे प्रदान किया था ये दाहिया रठौर दहायत नाम से जाने जाते है। और नागौद रियासत मे परिहारो की सत्ता स्थापित करवाने आये हुये दहिया दाहिया नाम से जाने जाते है। इनके साथ छल हुआ कोइ राज नही दिया गया परिहारो के द्बार एक रियासत मे परिहार एक रियासत मे दहिया रठौर स्थापित होने थे मगर येसा नही हुआ मैहर.नागौद दोनो मे परिहार राजपूतो ने अपना कब्जा कर लिया नागवंशीयो से युद्ध हुआ नागवंशीयो की हार हुइ परिहार और दहिया रठौरो की जीत।किसी तरह का दोश लगाकर दहिया सरदारो को राज्य से निस्कासित कर दिया गया । ताकी राज्य का बटवारा न हो वाद मे कोतवाली का कार्य सौपा गया परिहारो के द्धारा उसी मे खुस होकर अपना जीवन यापन दाहिया राजपूतो ने किया और राज्य के बिस्तार मे सहयोग दिया । आज गरीब दयनीय स्थति है दाहियो राजपूतो की ग्राम कोटवार चौकीदार पदो मे कुछ लोग नियुक्त है जो आज भी कर रहे है वीर क्षत्री श्रेष्ट क्षत्री भी इस स्थिती मे अब जीवन यापन कर रहे है। गरीबी के कारण ओ.बी.सी. कैटेगरी मे आते है।

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    1. किस बुक मे लिखा है दहिया रठौर ही दहायत है लेखक कौन है एमपी कब आऐ इसका प्रमाण

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    2. man me aa rha hai vo likh rha pta kuch hai nhi
      dahiya rajvansh dadhichi richi ka vansh hai risivanshi hai

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    3. मेरा नाम सुजान सिंह राठौड़ है मैं एमपी में मंदसौर जिले का निवासी हूं मेरे पूर्वज राजस्थान के जालौर से पधारे हैं और हमारी गोत्र दहिया है हम राठौड़ वंश के हैं राठौड़ वंश भी एक ऋषि की रीढ़ की हड्डी से उत्पन्न माना गया है और दहिया वंश राठौड़ वंश की उत्पत्ति है दोनों वंश ऋषि की उत्पत्ति है।

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    4. हुकुम कुछ इतिहास प्रमाण है आपके पास मुझे दीजिए चाहिए

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  7. दहिया रठौर खंगार सत्ता स्थापित करवाने आये हुये थे खंगारो ने समस्त बुन्देलखंड जीता प्रथ्वीराज चौहान जीत की खुशी मे तारागढ रियासत का राज्य सौपा राव कैलाश सिंह बहा के राजा हुए। नागौद मे परिहार सत्ता स्थापित करवाने आये दहिया राठौर मारवाड रियासत से आये हुए थे मगर परिहार अपनी सर्त नागवंशियो एवं भाटियो से जीत के बाद भूल गये मैहर.नागौद दोनो रियासते हाथिया लिये और कोतवाली का कार्य भार दाहिया रठौरो को सौपा। उसी मे खुश होकर अपना जीवन यापन किया युद्ध परागड क्षत्रिय श्रेष्ट क्षत्री आज गरीबी झेल रहे है ग्राम चौकीदार कोटबारी का कार्य कुछ लोग आज भी कर रहे है और जीवन यापन कर रहे है। कहि कही ओ.बी.सी. कही एस.सी.मे आते है।

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  8. मध्यप्रदेश में जो दाहिया हैं वो राजस्थान के ही वंशज हैं इसमें कोई दो राय नही है मगर दुख तब होता है जब कुछ चंद लोगों के निजी स्वार्थ हेतु पूरे समाज को लालच में एस सी ओबीसी में धकेल रहे हैं ऐसे लोगों पर जल्द सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ।जय माँ कैवाय जय दाहिया राजपुताना

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    1. इसका प्रमाण मिलेगा क्या ए राजस्थान से एम पी मे कब आए

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    2. मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला मे एक गाँव में एक ही dahiya परिवार रहता है
      इस एरिया के किसी भी गाव मे कोई dahiya
      जाति के कोई गाँव या मुहल्ले नही है
      इस से सिद्ध होता है कि यहाँ के dahiya अन्य प्रांत से आये हुए हैं

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  9. Aapne vans bataye usme agnivansh nahi bataya, or aapne jalor ke pas 64 gaon dahiyavati nahi hai vo Deolavati hai koi samaj ke adhuri jankari nahi rakhe

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    1. Jalor me 64 gav dahiyawati he bhai me jalor ka hi ho

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  10. कुछ लोग दाहिया राठौर राजपूतो से आग से जादा जलते है और कुछ लेखक झूठा लेख दहिया राजपूत के बारे मे लिख कर कि दहिया जगमल राजपूत की बीबी राजा अस्थान के पास आ गई । राजा ने अपने पास रख लिया रानी बना लिया जगमल राजपूत के द्बारा उत्पन्न लडका भी उछरंग दे के साथ था उसका पालन पोषड राठौरो के खेडे मे हुआ।मगर यह गलत है राजकुमारी उछरंग दे का राजा अस्थान के साथ बिधिवत विबाह हुआ था । कोई भी राजपूतानी उस समय दूसरा बिवाह अपने पती के जीबित नही करती थी पती के अचानक मौत होने पर जौहर करती थी। एक राजपूतानी के को बदनाम करना गलत है। इतिहास छिपाने से छिपता नही और जब दुस्मन ने अस्थान को मार डाला दाहिया राठौर नामक अस्थान के पुत्र ने दुस्मन को मौत के घाट उतारा सगा पुत्र था । दाहिया राजा अस्थान का उसी दाहिया राठौर के नाम से दाहिया राठौर नाम की तेरहमी साखा चली ।

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  11. दाहिया रठौर.. अपने पिता अस्थान राठौर की मौत का बदला लिया दुस्मन को मौत की नीद सुलाया दहिया राजकुमार ने और अपने पिता का राज सिंहासन सम्भाला। तभी से रणबंका कहलाने लगे राठौर और दाहिया राठौर राजवंश का तिलक कहलाया। लेखक पता नही झूठा लेख क्यो लिख देते है चिड की बजह से सच्चाई छिपती नही छिपाने से दाहिया राठौर का जन्म रानी उछरंग दे को दहि बिलोते समय जो पुत्र पैदा हुआ उसका नाम दाहिया
    राठौर नाम करण हुआ। महल मे दहि बिलोया जा रहा था तभी राजा अस्थान राठौर की पत्नी रानी उछरंग दे को पुत्र रत्न पैदा हुआ उस पुत्र का नाम दाहिया रखा गया। इसी पुत्र के नाम पर राठौरो की तेरहबी साखा दहिया कहलाई। कही कही दोहडिया नाम से भी जाने जाते है ।

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  12. राठौरो की एक साखा नही अपितू कई साखा है यह पहले का रास्टकूट राजवंश है। और दाहिया राठौर सूर्य वंशी है और दधीचवंशी है राठौड भी रीड से उत्पन्न माने जाते है। और दाहिया भी महाऋषी दधीच के रीड से उत्पन्न माने जाते है जिसको ईन्द्र ने उस रीड की हड्डी से उत्पन्न मानते है।रीड की हड्डी इन्द्र को दान देने से इन्द्र का छिना राज्य वापस मिला तभी इन्द्र तथा अन्य देवताओ ने महाऋषी को स्वर्ग मे इस्थान देते हुये कहा आपकी सन्तान दधीच के नाम से दाहिया रीड का दान देने से राठौर नाम से संसार मे जानी जायेगी इसलिये दाहिया या रठौड नाम से जानी जाती है। महाऋषी दधीच सूर्यवंशी क्षत्रिय थे तो यह साखा सूर्यवंशी साखा है । कुछ इतिहास कार इन्हे चंद्रवंशी लिखा पर वह गलत इस वंश को सूर्यवंशी महाऋषी दधीच के प्रताप से ऋषीवंशी कहलाये जाते है। और मारवाड के राठौड दहिया वंशी है राव जोधा दहिया राठौड रहे। राव जोधा को राठौरो के संस्थापक कहा जाता है और इस दहिया राठौडो से कई उपशाखाये निकली उस समय यह श्रेष्ट राजवंश रहा । इस राजवंश की अपनी अलग ही पहचान है जो इतिहास के पन्नो मे वेद पुराड आदि मे अपनी पहचान बनाये हुये है।

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  13. जय हो दाहिया राजपुताना

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  14. नोट -: नई पीढ़ी के लिए

    '' जो अपने समाज के लोग दहायत लिखते हैं, 'उन सब को सूचित कर रहा हूँ कि वो आने वाली नई पीढ़ी में बदलाव लायें, उनके समस्त दस्तावेजों जैसे -: जन्म प्रमाण पत्र,अंकसूची,आधार कार्ड, वोटर कार्ड ,पैन कार्ड ,और जमीनी दस्तावेज आदि । में चाहे लड़का हो या लड़की बिना भेदभाव के साथ उनके नाम को सही कराएं । और दाहिया कि जगह दहिया,(क्योंकि अंग्रेजी में दहिया की स्पेलिंग में कोई अंतर नहीं है [Dahiya] तो हिंदी में 'दाहिया ' क्योँ ?) और बीच के शब्द ''कुमार / प्रसाद'' कि जगह सिंह लिखे आदि । एक नई एकता का जन्म हो ।

    जैसे -: रोहित सिंह दहिया
    -: किरण सिंह दहिया आदि ।
    "विनय (कुणाल सिंह दहिया)" 9713682999 / 7999585119
    अखिल भारतीय दहिया समाज महासंघ मध्यप्रदेश

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    1. इसके बजाय तो sir name सिंह ही लागाय तो अच्छा लगेगा

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    2. मैं apse सहमत हैं हुकुम जय कैवाय माता की जय

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    3. Mp के दाहिया की क्या कहानी है

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  15. Dahiya Gotra Jaat Samaj ka Hain
    Dahiya Jaat Hote Hain Na Ki Rajput
    Dahiyawat Rajput Hote Hain

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  16. कुछ दहिया राजपूत राजश्री संत शिरोमणि पीपा जी महाराज गढ़ गागरोन के अनुयायी बने थे जो आज पीपवत दहिया राजपूत कहलाते है

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    1. Har har mahadev 🚩🙏

      Pipawat Dahiya Rajput ka koi history ya book ho to batana hukam

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    2. ऐसे ओर। का भी पाता है आप को मतलब ओर खापें

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  17. क्या आप बता सकते है गुजरात में दाहिया दहायत को क्या बोलते है

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  18. किस नाम से जाने जाते हैं

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  19. Follow Instagram page
    https://www.instagram.com/jay_kewai_mata/

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  20. Jai kewai mata di sa chanraj dahiya bilara city jodhpur

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  21. चौदहिया राजपूत कोन है

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  22. कुछ जगह दईया वंश की कुलदेवी चामुंडा माता बताई जा रही है इसकी कोई जानकारी हो तो बतावे

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    1. Ha batai jati hai lekin abhi tak iski pusti nahi hui hai

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  23. मेवाङ के गुमानपुरा तहसील सहाड़ा जिला भीलवाड़ा मे भी दिया राठौडो के 15-16 घर है जो अजमेर के निकट से आये हुए बताये जाते है।

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